अपवर्तनांक किसे कहते हैं?

अपवर्तनांक किसी माध्यम का वह गुणधर्म है जो यह बताता है कि उस माध्यम में प्रकाश की गति कितनी धीमी हो जाती है। यह निर्वात या वायु में प्रकाश की गति और उस माध्यम में प्रकाश की गति के अनुपात के बराबर होता है।

गणितीय रूप से:

अपवर्तनांक (n) = निर्वात में प्रकाश की गति (c) / माध्यम में प्रकाश की गति (v)

उदाहरण:

  • निर्वात का अपवर्तनांक 1 होता है क्योंकि निर्वात में प्रकाश की गति सबसे अधिक होती है।
  • वायु का अपवर्तनांक लगभग 1.0003 होता है, जो निर्वात के बहुत करीब है।
  • पानी का अपवर्तनांक 1.33 होता है, जिसका अर्थ है कि पानी में प्रकाश निर्वात की तुलना में 1.33 गुना धीमी गति से चलता है।
  • हीरे का अपवर्तनांक 2.42 होता है, जो दर्शाता है कि हीरे में प्रकाश निर्वात की तुलना में 2.42 गुना धीमी गति से चलता है।

अपवर्तनांक के प्रकार:

  • निरपेक्ष अपवर्तनांक: यह किसी माध्यम का निर्वात के सापेक्ष अपवर्तनांक होता है।
  • सापेक्ष अपवर्तनांक: यह दो माध्यमों के बीच अपवर्तनांक का अनुपात होता है।

अपवर्तनांक का महत्व:

  • यह प्रकाश के अपवर्तन को समझने में मदद करता है।
  • यह लेंस और प्रिज्म के काम करने के सिद्धांत को समझने में मदद करता है।
  • इसका उपयोग ऑप्टिकल उपकरणों, जैसे कि दूरबीन, माइक्रोस्कोप और चश्मे के डिजाइन में किया जाता है।

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Bhaskar Singh

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